वज्रासन (Vajrasana)
वज्रासन किसे कहते है ( What is Vajrasana
)
वज्रासन
पैरो के बल किया जाने वाला योगासन है | इस आसन में अपने दोनों पैरो को खुटने से
पीछे की ओर मोड़कर बेठा जाता है | सब योगासनों में एक ये आसन ही ऐसा आसन है जिसे
भोजन करने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है | खाना खाने के बाद इस आसन को करने से
खाना अच्छे से हजम हो जाता है | इस आसन को दिन में कभी भी कर सकते है |
वज्रासन के फायदे ( Benefit of Vajrasana )
- इस आसन से ध्यान को एकाग्र करने में सहायता मिलती है |
- यह आसन मानसिक तनाव को दूर करता है |
- इससे वजन कम करने में सहायता मिलती है |
- यह पेट की परेशानियों को दूर करता है |
- यह पाचन शक्ति को बढाता है |
- इस आसन से गैस, कब्ज अपच दूर होते है |
- शरीर में रक्त का संचार ठीक रहता है |
- यह आसन रक्तचाप की बीमारी दूर हो जाती है |
- यह अतिसार, पीठ दर्द और और छाती के कष्टों को दूर करता है |
- वृद्धावस्था की शिथिलता को रोकता है |
- साईटिका रोग में भी लाभकारी है |
- इससे मानसिक निराशा तथा स्मरण शक्ति खत्म होती है |
वज्रासन करने की विधि ( Method of Vajrasana )
वज्रासन
को करने के लिए किसी समतल जगह बेठ जाये फिर सबसे पहले अपने दोनों पेरो के घुटने
मोडकर पीछे की ओर ले जाये | उनके तलवे आकाश की ओर उठे रहे | पैर का दांया अंगूठा
बांये पैर के तलवे पर रहे और दोनों एडियाँ गुदा के नीचे रहे | घुटने बराबर मिले रहें | कमर का उपरी भाग तना रहे
तथा गर्दन भी सीधी रहे | दोनों हाथो को दोनों घुटनों पर जमा
लें | हाथो की उँगलियाँ भी मिली रहनी चाहिए | इस आसन को अधिक से अधिक 15 तक करे | इस आसन से ध्यान को एकाग्र करने में सहायता मिलती है| आसन को खाने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है| यह
पाचन शक्ति को बढाता है |
( इसे भी देखें : शीर्षासन के फायदे )
वज्रासन के लिए सावधानी ( Precaution for Vajrasana )
- इस आसन को शांत जगह और शांत होकर करे |
- अधिक ध्वनि वाली जगह पर बैठकर इस आसन को नहीं करना चाहिए |
- आसन को जल्दबाजी में न करे |
- खुली हवा में इस आसन को करने से जादा लाभ होता है |
- अगर आपके पैरो का किसी भी तरह का कोई ऑपरेशन हुआ हो तो इस आसन को न करे |
- इस आसन को करने से अगर शरीर में कोई दर्द होतो हो तो इसे न करे |
- अगर तबियत ख़राब हो तो भी यह आसन न करें |
वज्रासन के लिए विशेष बातें
(Important topic for Vajrasana)
शुरूआत में वज्रासन को 3 से
5 मिनट तक ही करना चाहिए | बाद में इसे बढाकर 15 मिनट तक किया जा सकता है |
वज्रासन को करते समय पीठ, गर्दन और सिर को एकदम सीधा रखना चाहिए और अपने दोनों हाथों
को दोनों घुटनों पर रखें | वज्रासन को करने में मोटे लोगों को शुरू में कुछ कठिनाई
होती है मगर इस आसन का रोज अभ्यास करते रहने से बाद में उन्हें सफलता मिल जाती है
|
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