Tuesday, 12 February 2019

पवनमुक्तासन, Pawanmuktasana


Pawanmuktasana

पवनमुक्तासन किसे कहते है ( What is Pawanmuktasana )

पवनमुक्तासन तीन शब्दों को मिलाकर बना है – पवन, मुक्त और आसन | पवन का मतलब होता है हवा, गैस | मुक्त का मतलब होता है आजाद करना या मुक्त करना | जैसा कि नाम से ही पता चलता है की पवनमुक्तासन का अर्थ है पवन को मुक्त करने का आसन | मतलब शरीर को वायु से आजाद करने का आसन | यह योग (yoga) शरीर के वायु विकार से होने वाली परेशानियाँ जैसे पेट में गैस, कब्ज और अपच को दूर रखता है |       

पवनमुक्तासन के फायदे  (Benefit of Pawanmuktasana )

  1. पेट की गैस और कब्ज से छुटकारा दिलाता है |
  2. पाचन क्रिया को ठीक रखने में मदद करता है |
  3. यह मोटापे को दूर करता है |
  4. यह आसन शरीर की जकडन को खत्म करता है |
  5. इसे करने से तनाव से मुक्ति मिलती है |
  6. यह शरीर की थकान को खत्म करता है |
  7. साँस फूलने की परेशानी को दूर करता है |

पवनमुक्तासन करने की विधि (Method for Pawanmuktasana )

यह आसन बहुत सरल है | इस आसन में पीठ के बल फर्स पर सीधे लेट जायें | दोनों पैर बराबर मिले रहे | अब दोनों घुटनो को मोडकर जांघ को पेट के साथ सतायें और दोनों हाथों से पैरो को पकडकर उसे पेट की ओर अधिक से अधिक दबायें | दो मिनट तक इसी स्थिति में रहने के बाद धीरे धीरे पैरो को सीधा कर ले | इस आसन को 10 बार तक कर सकते है | इस आसन से पेट की वायु खत्म होती है और पेट में कब्ज (constipation) नहीं होती है

पवनमुक्तासन के लिए विशेष बातें (Important topics for Pawanmuktasana )

यह आसन बहुत सरल है | यह आसन वृद्धा अवस्था में भी किया जा सकता है और महिलाओ के लिए तो बहुत उपयोगी है | प्रसवोपरान्त जिन महिलाओ का पेट आगे को बड़ा हो जाता है, उन्हें यह योग प्रसव के एक महीने बाद ही करना चाहिए | इससे उनका बड़ा पेट अंदर हो जायेगा | शारीरक अथवा दिमागी काम करने के कारण थक जाने वालो के लिए यह आसन विशेष लाभकारी है | घंटो एक स्थान पर बैठकर काम करते रहने से शरीर में कहीं गिल्टियाँ पड़ जाने, तो कहीं सुन्नता और झन्नाने की परेशानी शुरू हो जाती है | यह सब परेशानियाँ वायु प्रकोप के कारण होती है | इस आसन से शरीर वायु मुक्त हो जाता है और यह सब परेशानी खत्म हो जाती है | यह आसन स्त्री और पुरुष दोनों के लिए उपयोगी है |
   

पवनमुक्तासन के लिए सावधानी (Precaution of Pawanmuktasana)

जिन लोगो के घुटनों में दर्द रहता हो उन लोगो को यह योग नहीं करना चाहिए | कमर दर्द की शिकायत होने पर भी यह योग नहीं करना चाहिए | दिल की बीमारी और उच्चरक्चाप (high blood pressure) में भी यह योग (yoga) न करें | 





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