Pawanmuktasana |
पवनमुक्तासन किसे कहते है ( What is
Pawanmuktasana )
पवनमुक्तासन
तीन शब्दों को मिलाकर बना है – पवन, मुक्त और आसन | पवन का मतलब होता है हवा, गैस
| मुक्त का मतलब होता है आजाद करना या मुक्त करना | जैसा कि नाम से ही पता चलता है
की पवनमुक्तासन का अर्थ है पवन को मुक्त करने का आसन | मतलब शरीर को वायु से आजाद
करने का आसन | यह योग (yoga) शरीर के वायु विकार से होने वाली परेशानियाँ जैसे पेट में
गैस, कब्ज और अपच को दूर रखता है |
पवनमुक्तासन के फायदे (Benefit
of Pawanmuktasana )
- पेट की गैस और कब्ज से छुटकारा दिलाता है |
- पाचन क्रिया को ठीक रखने में मदद करता है |
- यह मोटापे को दूर करता है |
- यह आसन शरीर की जकडन को खत्म करता है |
- इसे करने से तनाव से मुक्ति मिलती है |
- यह शरीर की थकान को खत्म करता है |
- साँस फूलने की परेशानी को दूर करता है |
पवनमुक्तासन करने की विधि (Method for Pawanmuktasana )
यह आसन
बहुत सरल है | इस आसन में पीठ
के बल फर्स पर सीधे लेट जायें | दोनों पैर बराबर मिले रहे |
अब दोनों घुटनो को मोडकर जांघ को पेट के साथ सतायें और दोनों हाथों
से पैरो को पकडकर उसे पेट की ओर अधिक से अधिक दबायें | दो मिनट
तक इसी स्थिति में रहने के बाद धीरे धीरे पैरो को सीधा कर ले | इस आसन को 10 बार तक कर सकते है | इस आसन से पेट की
वायु खत्म होती है और पेट में कब्ज (constipation) नहीं होती है |
पवनमुक्तासन के लिए विशेष
बातें (Important topics for Pawanmuktasana )
यह
आसन बहुत सरल है | यह आसन वृद्धा अवस्था में भी किया जा सकता है और महिलाओ के लिए
तो बहुत उपयोगी है | प्रसवोपरान्त जिन महिलाओ का पेट आगे को बड़ा हो जाता है,
उन्हें यह योग प्रसव के एक महीने बाद ही करना चाहिए | इससे उनका बड़ा पेट अंदर हो
जायेगा | शारीरक अथवा दिमागी काम करने के कारण थक जाने वालो के लिए यह आसन विशेष
लाभकारी है | घंटो एक स्थान पर बैठकर काम करते रहने से शरीर में कहीं गिल्टियाँ पड़
जाने, तो कहीं सुन्नता और झन्नाने की परेशानी शुरू हो जाती है | यह सब परेशानियाँ
वायु प्रकोप के कारण होती है | इस आसन से शरीर वायु मुक्त हो जाता है और यह सब
परेशानी खत्म हो जाती है | यह आसन स्त्री और पुरुष दोनों के लिए उपयोगी है |
पवनमुक्तासन के लिए सावधानी (Precaution of Pawanmuktasana)
जिन लोगो के घुटनों में
दर्द रहता हो उन लोगो को यह योग नहीं करना चाहिए | कमर दर्द की शिकायत होने पर भी
यह योग नहीं करना चाहिए | दिल की बीमारी और उच्चरक्चाप (high blood pressure) में भी यह योग (yoga) न करें
|
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